शीर्षक:- हुस्न हाजिर है मोहब्बत की सजा पाने को
फिल्म: लैला मजनू (11 नवंबर 1976)
संगीत निर्देशक: मदन मोहन
गीतकार: साहिर लुधियानवी
गायिका: लता मंगेशकर
HUSHN HAZIR HAI MP3 SONG
LYRICS
हुस्न हाजिर है मुहब्बत की सजा पाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
मेरे दीवाने को इतना ना सताओ लोगो
ये तो वहसी है तुम्हीं होश में आओ लोगो
बहुत रनजुर है ये, गमो. से चुर है ये
खुदा का खौफ उठाओ बहुत मजबूर है ये
क्यो चले आए हो बेबस पे सीतम ढाने को
कोई पत्थर से ना मारे...
मेरे जलवो. की खता है जो ये दीवाना हुआ
मै हुँ मुजरिम ये अगर होश से बेगाना हुआ
मुझे सुली चढा दो या शोलो में जला दो
कोई शिकवा नहीं है जो जी चाहे सजा दो
बख्श दो इसको मै तैयार हुँ मिट जाने को
कोई पत्थर से ना मारे...
पत्थरों को भी वफ़ा फूल बना सकती है
ये तमाशा भी सर-ए-आम दिखा सकती है
लो अब पत्थर उठाओ, जमाने के खुदाओं
मैं तुम को आजमाउ मुझे तुम आजमाओ
अब दुआ अर्श पे जाती है असर लाने को
कोई पत्थर से ना मारे...
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